कबीर : प्रेम न खेतों नीपजै

कबीर अपने समय की सत्त को खुली चुनौती देते हैं और गांधी अपने समय की. एक के हाथ में करघा है दूसरे के हाथ में चरखा और दोनों के बीच की 350 बरस की दूरी जैसे अपने आप समाप्त हो जाती है. दोनों ही इस संसार में रहते हुए वीतरागी हैं और कबीर कहते भी हैं. READ MORE
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