इमरजेंसी को नागरिक अधिकारों पर सबसे बड़ा हमला माना गया. आज भी इसकी डरावनी तस्वीर पेश की जाती है. वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैय्यर ने अपनी आत्मकथा "बियांड द लाइन्स" में इमरजेन्सी के कारणों का तथ्यपरक ब्योरा दिया है. READ MORE
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