ऐसा भारत जिसे रवींन्द्रनाथ ठाकुर ने महामानवों का समुद्र कहा और पूरी दुनिया ने उसे वैसा मान भी. वह भारत जो अपने पांच हजार साल के भव्य इतिहास में शक, हूण, कुषाण, आर्य, अनार्य, द्रविण, मुस्लिम, ईसाई और न जाने कितनी नस्ल, धर्म और जातियों को अपने भीतर समेटता रहा है. वह आज लाखों लोगों को मरने के लिए न सही, तो अमानुष की तरह जीने के लिए छोड़ देगा? READ MORE
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