भले ही कोडिंग और एम्युलेटिंग जैसे साधनों का विकास पश्चिमी देशों में हुआ है, इनमें सिद्धहस्त होकर भारतीय स्टार्टअप अब ऐसे दौर में पहुंच गये हैं, जहां वे सफलतापूर्वक दुनिया भर के लिए उत्पाद तैयार कर रहे हैं और पश्चिमी देशों से पैसे भी कमा रहे हैं. READ MORE
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