इतने कर्मठ व्यक्ति को भी लोगों की कितनी बातें सुनने को मिली. इतिहास के पन्नो को जब कभी पढ़ते हैं तो पाते हैं कि जब- जब भी किसी राजा ने देशहित में कुछ करना चाहा है तो उसके अपने ही लोग शत्रु पक्ष से मिल गये. पढ़कर मन खराब हो जाता है कैसे लोग अपनो में ही बुराई ढूंढ लेते हैं. READ MORE
from Zee News Hindi: Special News
0 Comments