हमें बराबर देखना चाहिए कि हमारा या हमारी कलम का कोई इस्तेमाल तो नहीं कर रहा है. अगर कलम जनता और लोकतंत्र के लिए है तब तो ठीक है, लेकिन अगर वह किसी की आरती का दीया या किसी की पीठ का खंजर है तो बहुत खतरनाक है. READ MORE
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