खुशियों का पीरियड

दरअसल, ज़रूरत शिक्षा में सहजता की है. जिस देश में गुरू पहले शिक्षक बने और फिर वो संविदा शिक्षक हो गए, वहां पर नौकरी ही की जा रही है. जबकि शिक्षा देना कोई नौकरी नहीं है.  READ MORE
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